tag:blogger.com,1999:blog-3356817270168152063.post249603936180711497..comments2024-01-06T14:37:56.047+05:30Comments on श्रीमती सपना निगम (हिंदी ): सियानी गोठ अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)http://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-3356817270168152063.post-50755890735488507252012-09-21T23:43:36.694+05:302012-09-21T23:43:36.694+05:30हमारे छत्तीसगढ़ के महान जन कवि आदरणीय स्व.कोदूराम ...हमारे छत्तीसगढ़ के महान जन कवि आदरणीय स्व.कोदूराम दलित जी के दोहों <br />में कबीर दास जी भाँती गहरे सन्देश छिपे होते है <br />गिरगिट के रूप में अत्यंत गहरी बात कही है <br />मै आदरणीय स्व. कोदूराम जी को सादर नमन <br />करता हूँ <br />आदरणीय अरुण जी से आग्रह है की उनकी रचना से <br />हम सभी पाठकों को रूबरू कराते रहें <br />हार्दिक आभार UMA SHANKER MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/06099647965326076377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3356817270168152063.post-84835738545391509482012-09-21T20:20:21.670+05:302012-09-21T20:20:21.670+05:30रंग बदलता, शीश हिलाता, सीधा-सादा प्राणी।
गिरगिट से...रंग बदलता, शीश हिलाता, सीधा-सादा प्राणी।<br />गिरगिट से सब प्यार करों, ये ऋषियों सा ज्ञानी है।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3356817270168152063.post-36300807443232505342012-09-21T11:37:33.166+05:302012-09-21T11:37:33.166+05:30wah bahut acchi prastutiwah bahut acchi prastutikanu.....https://www.blogger.com/profile/16556686104218337506noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3356817270168152063.post-64503642386437592622012-09-21T07:59:10.521+05:302012-09-21T07:59:10.521+05:30भाई साहब /बहना जी .अपने तो गिरगिट भूखे के भूखे रह्...भाई साहब /बहना जी .अपने तो गिरगिट भूखे के भूखे रह्में हैं ,कोयला ,चारा ,गैस सब हजम कर जावें हैं .बढ़िया चित्रण और व्याख्या जन कवि की रचना की आपने की है .शुक्रिया .<br /><br />सियानी गोठ <br />अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) <br />श्रीमती सपना निगम (हिंदी )virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3356817270168152063.post-26326683961115317282012-09-20T21:43:21.379+05:302012-09-20T21:43:21.379+05:30भाई साहब /बहना जी .अपने तो गिरगिट भूखे के भूखे रह्...भाई साहब /बहना जी .अपने तो गिरगिट भूखे के भूखे रह्में हैं ,कोयला ,चारा ,गैस सब हजम कर जावें हैं .बढ़िया चित्रण और व्याख्या जन कवि की रचना की आपने की है .शुक्रिया .<br /><br />ram ram bhai<br />बृहस्पतिवार, 20 सितम्बर 2012<br />माँ के गर्भाशय का बेटियों में सफल प्रत्यारोपणvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3356817270168152063.post-31282142816499422542012-09-20T20:18:34.999+05:302012-09-20T20:18:34.999+05:30बहुत ही प्रभावी अवलोकन..बहुत ही प्रभावी अवलोकन..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3356817270168152063.post-50168934123350619942012-09-20T15:55:18.290+05:302012-09-20T15:55:18.290+05:30जेकर जैसन समय हो,बदलो अपना ढंग
टेटका लेय सीख लो ,...जेकर जैसन समय हो,बदलो अपना ढंग <br />टेटका लेय सीख लो ,कैसे बदले रंग....... <br />धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3356817270168152063.post-58189975551824309382012-09-20T09:09:30.460+05:302012-09-20T09:09:30.460+05:30रविकर गिरगिट एक से, दोनों बदलें रंग |
रहे गुलाबी ख...रविकर गिरगिट एक से, दोनों बदलें रंग |<br />रहे गुलाबी खिला सा, हो सफ़ेद हो दंग |<br />हो सफ़ेद हो दंग, रचे रचना गड़बड़ सी |<br />झड़े हरेरी सकल, तनिक जो बहसा बहसी |<br />कभी क्रोध से लाल, कभी पीला हो डरकर |<br />बुरा है इसका हाल, घोर काला मन रविकर ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3356817270168152063.post-64806620542383108092012-09-20T09:08:18.114+05:302012-09-20T09:08:18.114+05:30बहुत सुन्दर ||
रविकर गिरगिट एक से, दोनों बदलें रं...बहुत सुन्दर ||<br /><br />रविकर गिरगिट एक से, दोनों बदलें रंग |<br />रहे गुलाबी खिला सा, हो सफ़ेद हो दंग |<br />हो सफ़ेद हो दंग, रचे रचना गड़बड़ सी |<br />झड़े हरेरी सकल, तनिक जो बहस बहसी |<br />कभी क्रोध से लाल, कभी पीला हो डरकर |<br />बुरा है इसका हाल, रंग बदले यह रविकर ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com