यहाँ
माझी है नैय्या है पतवार है
और गंगा यमुना की बहती धार है
और गंगा यमुना की बहती धार है
प्रयागराज तीरथ त्रिवेणी का संगम
बहती यहाँ सत्संग की बयार है
बहती यहाँ सत्संग की बयार है
इन
नदियों के पास मेरे देश का इतिहास
उपजाऊ जमीन रही भरमार है
उपजाऊ जमीन रही भरमार है
दोआब
कर वसूले मुगलों ने यहाँ
यही वो गंगा यमुना का कछार है
यही वो गंगा यमुना का कछार है
मंदिरों की घंटियों में गूंजे
है राम -राम
साधू संतन की श्रद्धा अपार है
साधू संतन की श्रद्धा अपार है
जाने
कितने ही कर्मकांड होते यहाँ
प्रदूषण से गंगा शर्मसार है
प्रदूषण से गंगा शर्मसार है
इस पार मैं खड़ी हूँ उस पार है जल धारा
ये तीनों लोकों का शीर्ष द्वार है
ये तीनों लोकों का शीर्ष द्वार है
- सपना निगम