Wednesday, March 7, 2012

होली की फाग .....



रंग बगरे हे बिरिज धाम मा
कान्हा  खेले रे होली 
वृन्दावन ले आये हवे 
गोपी  ग्वाल के टोली 
कनिहा में खोचे बंसी 
मोर मुकुट लगाये 
यही यशोदा मैया के 
किशन कन्हैया आए
आघू आघू कान्हा रेंगे 
पाछू  ग्वाल गोपाल 
हाथ में धरे पिचकारी 
फेके रंग गुलाल 
रंग बगरे हे …………….
दूध दही के मटकी मा 
घोरे रहे भांग
बिरिया पान सजाये के 
खोचे रहे लवांग
ढोल नंगाडा बाजे रे 
फागुन के मस्ती
होगे रंगा-रंग सबो 
गाँव गली बस्ती 
 रंग बगरे हे ……
गोपी ग्वाल सब नाचे रे 
गावन लगे फाग 
जोरा जोरी मच जाहे 
कहूँ डगर तैं भाग 
ग्वाल बाल के धींगा मस्ती 
होली के हुड्दंग 
धानी चुनरी राधा के 
होगे रे बदरंग 
 रंग बगरे हे …….
करिया बिलवा कान्हा के 
गाल रंगे हे लाल 
गली गली माँ धुमय वो 
मचाये हवे धमाल
रास्ता छेके कान्हा रे 
रंग गुलाल लगाये 
एती ओती भागे राधा 
कइसन ले बचाए 
रंग बगरे हे  …….
आबे आबे कान्हा तयं  
मोर अंगना दुवारी 
फागुन के महिना मा 
होली खेले के दारी
छत्तीसगढ़िया मनखे हमन 
यही हमार चिन्हारी 
तोर संग होली खेले के 
आज हमार हे बारी
रंग बगरे हे …….

श्रीमती सपना निगम
आदित्य नगर, दुर्ग

14 comments:

  1. आप को भी होली का पर्व मुबारक हो !
    शुभकामनाएँ!

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  2. बहुत ही बढ़िया
    आपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।

    सादर

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  3. होली के अवसर पर सुन्दर रचना ..
    आपको होली की बहुत -बहुत बधाई .

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  4. रंग होली का, रंगे आज सब..

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  5. कान्हा लीला कर रहे, छत्तीसगढ़ को जात ।
    मायावी योगी बड़े, सपना हैं भरमात ।
    सपना हैं भरमात, खेलती दुनिया सारी।
    रँगते सबके गात , चला के खुब पिचकारी ।
    राधा धानी रंग, लाल से रंगे नीला ।
    होली में भी तंग, करे है कान्हा-लीला ।।

    दिनेश की टिप्पणी : आपका लिंक
    dineshkidillagi.blogspot.com

    होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
    कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।

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  6. वाह .. होली के पर्व में वृन्दावन न हो तो वो अधूरा है ...
    लाजवाब रचना ..
    आपको और आपके समस्त परिवार को होली की मंगल कामनाएं ...

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  7. बहुत सुंदर प्रस्तुति ..... आपको और आपके परिवार को होली की शुभकामनायें

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  8. चले चकल्लस चार-दिन, होली रंग-बहार |
    ढर्रा चर्चा का बदल, बदल गई सरकार ||

    शुक्रवारीय चर्चा मंच पर--
    आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति ||

    charchamanch.blogspot.com

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  9. अब्बड़ सुग्घर रचना हवे... वाह!
    होली के बड अकन बधइ.

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