Friday, September 21, 2012

सियानी गोठ


 सियानी गोठ
 
जनकवि स्व. कोदूराम “दलित”

23. अणु

अणु ला नान्हें समझ मत, अणु ला तुच्छ न जान
अणु मा शक्ति  अघात हे  ,   अणु मन आयँ महान
अणु मन आयँ महान,बनिस अणु-अणु मां भुइयाँ
अणु मन आयँ  विनाशक  अउ निरमाण करइया
अणु  के  असल  मरम - ला  अणु  रखइया  जाने
करो सृजन अणु मां , समझो मत अणु ला नान्हें.

[ अणु को छोटा मत समझें, इसे तुच्छ भी नहीं जानें. अणु में अपार शक्ति होती है. अणु महान होता है. अणुओं के मेल से ही यह धरती बनी है. अणु विनाशक है तो निर्माणकर्ता भी है. अणु का असली मर्म तो अणु के रक्षक ही जानते हैं. अणु का प्रयोग सृजन के लिये करें.]

3 comments:

  1. सटीक ..... अणु को निर्माण के कार्य में ही प्रयोग करना चाहिए ।

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  2. अणु के अन्दर न जानी कितनी ऊर्जा छिपी है।

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  3. उस ज़माने की रचना है जब हम अणु के बारे में सुना करते थे
    आदरणीय स्व.कोदूराम दलित जी ने अणु की जो काव्यात्म तरीके से विवेचना की है वह आज की परिस्तियों में भी सटीक है|
    आज इस बात को दुनिया के सभी देशों को समझाना चाहिए
    बहुत ही सार्थक रचना

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