सियानी गोठ
जनकवि स्व.कोदूराम “दलित”
29 - कुकुर
रखवारी घर के करय , जउन मिलय सो खाय
लुडुर - लुडुर मालिक करा , पूँछी कुकुर हलाय
पूँछी कुकुर हलाय, चिन्हय घर
के सब झन-ला
भूँक - भूँक के भगा देय
वो चोर मनन
–ला
कुकुर आय पर करय नहीं कभ्भू
गद्दारी
बइठ मुहाटी - मां करथय घर के रखवारी.
[ कुत्ता – घर की
रखवाली करता है, जो मिल जाता है खा लेता है. कुत्ता अपने मालिक के पास लुडुर-लुडुर
( आंचलिक शब्द )पूँछ हिलाता है.घर के सब लोगों को पहचानता है और चोरों को
भौंक-भौंक कर भगा देता है. कुत्ता है किंतु कभी गद्दारी नहीं करता.घर के प्रवेश
द्वार पर बैठ कर घर की रखवाली करता है.]