सियानी गोठ

जनकवि कोदूराम “दलित”
20.विज्ञान
आइस जुग विज्ञान के , सीखो सब विज्ञान
सुग्घर आविस्कार कर , करो जगत कल्यान
करो जगत कल्यान, असीस
सबो झिन के लो
तुम्हू जियो अउ दूसर मन ला घलो जियन
दो
ऋषि मन के विज्ञान , सबो ला सुखी बनाइस
सीखो सब विज्ञान , येकरे जुग अब आइस.
[विज्ञान : विज्ञान का युग आया, सब विज्ञान सीखें. अच्छे
आविष्कार कर के जगत का कल्याण करें. सब लोगों का आशीष प्राप्त करें. आप भी जीयें
और दूसरों को भी जीने दें. ऋषियों ने विज्ञान के प्रयोग से सब को सुखी बनाया. विज्ञान
का युग आया, सब विज्ञान सीखें.]
सुंदर प्र्स्तुती .... लेकिन लोग विज्ञान सीख केआर विध्वंसता को अपना रहे हैं ...
ReplyDeleteआभार, इसीलिये जगत का कल्याण करने का अनुरोध किया गया है
Deleteसच है, जगत कल्याण ही मूल में हो।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति ..आभार
ReplyDeleteअपने अपने क्ल्याण
ReplyDeleteजब पूरे हो जाते हैं
उसके बाद ही बस
कुछ लोग ही
जगत कल्याण की
सोच पाते हैं।
सुंदर !!
सही मंत्र ।
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