Tuesday, May 15, 2012

सियानी गोठ


सियानी गोठ  
 
जनकवि कोदूराम “दलित”

20.विज्ञान

आइस   जुग  विज्ञान के , सीखो  सब  विज्ञान
सुग्घर आविस्कार कर ,  करो जगत कल्यान
करो जगत कल्यान, असीस सबो झिन के लो
तुम्हू  जियो  अउ दूसर  मन ला घलो जियन दो
ऋषि मन के  विज्ञान , सबो ला सुखी बनाइस
सीखो सब  विज्ञान  ,    येकरे जुग अब आइस.

[विज्ञान :  विज्ञान का युग आया, सब विज्ञान सीखें. अच्छे आविष्कार कर के जगत का कल्याण करें. सब लोगों का आशीष प्राप्त करें. आप भी जीयें और दूसरों को भी जीने दें. ऋषियों ने विज्ञान के प्रयोग से सब को सुखी बनाया. विज्ञान का युग आया, सब विज्ञान सीखें.]

6 comments:

  1. सुंदर प्र्स्तुती .... लेकिन लोग विज्ञान सीख केआर विध्वंसता को अपना रहे हैं ...

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    1. आभार, इसीलिये जगत का कल्याण करने का अनुरोध किया गया है

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  2. सच है, जगत कल्याण ही मूल में हो।

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्‍तुति ..आभार

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  4. अपने अपने क्ल्याण
    जब पूरे हो जाते हैं
    उसके बाद ही बस
    कुछ लोग ही
    जगत कल्याण की
    सोच पाते हैं।

    सुंदर !!

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