Monday, April 16, 2012

सियानी गोठ


सियानी गोठ
 
जनकवि कोदूराम"दलित"
  
गुरु

गुरु हरथे अज्ञान ला, गुरु करथे कल्यान
गुरु के आदर नित करो,गुरु हर आय महान
गुरु हर आय महान, दान विद्या के देथे
माता-पिता समान, शिष्य ला अपना लेथे
मानो गुरु के बात, भलाई गुरु हर करथे
खूब सिखो के ज्ञान, बुराई गुरु हर हरथे.
-         जनकवि कोदूराम “दलित”

[ गुरु अज्ञान हरते हैं, गुरु कल्याण करते हैं. गुरु का नित्य आदर करें क्योंकि गुरु महान हैं. ये विद्या का दान देते हैं. माता –पिता के समान ही शिष्य को अपना लेते हैं. गुरु की बात मानें. गुरु ही भलाई करते हैं. ये खूब ज्ञानसिखा कर बुराई का हरण करते हैं.]

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